मैं पपीहा बन निहारुं राह तेरी तू स्वाती की बूंद बन बरस जा। मैं चातक बन निहारुं बस त मैं पपीहा बन निहारुं राह तेरी तू स्वाती की बूंद बन बरस जा। मैं चातक बन...
सुई का धागा बन फिर होली आई है। बधाई हो होली आई है। सुई का धागा बन फिर होली आई है। बधाई हो होली आई है।
ए चांद तू क्यूं इतना चमकता है, क्या दिखलाता है के तू बहुत खुश है, रोज रोज थोड़ा कटना... थोड़ा थ... ए चांद तू क्यूं इतना चमकता है, क्या दिखलाता है के तू बहुत खुश है, रोज रोज थो...
क्या ? करूं अब ऊंचाइयां इतनी दूरी पर है, नहीं जा पाऊंगा वहां पर।। क्या ? करूं अब ऊंचाइयां इतनी दूरी पर है, नहीं जा पाऊंगा वहां पर।।
धरती अम्बर की ही प्रियतमा है धरती अम्बर की ही प्रियतमा है
उनके हाथों में अगर हाथ हो तो, ज़िन्दगी बसंत सी लगती है। जब कभी उनसे झगड़ा हो तो, ज़िन्दगी अमावस सी ल... उनके हाथों में अगर हाथ हो तो, ज़िन्दगी बसंत सी लगती है। जब कभी उनसे झगड़ा हो तो,...